रामनवमी जो हिंदू का सबसे खास पर्व है. यह पर्व जो चैत्र मास में शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है. इसी दिन चैत्र नवरात्रि का समापन भी होगा. नवरात्रि के पावन पर्व के आखिरी दिन रामनवमी का त्योहार मनाया जाता है. रामनवमी के दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम चंद का जन्म हुआ था. भगवान श्रीराम को भगवान विष्णु का अवतार माना है, इस दिन लोग भगवान राम जी का जन्म उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाते हैं. श्री राम जी के जन्मदिन के मौके पर उनके सभी मंदिरों को भव्य सजाया जाता है. नवरात्रि की तरह ही रामनवमी भी साल में दो बार मनाया जाता है, पहला चैत्र मास में और दूसरा शारदीय मास में, चैत्र मास में भगवान रामचंद्र जी का जन्म के रूप में मनाई जाती है, शारदीय मास मैं रावण के वध के रूप में मनाई जाती है.
रामनवमी महत्त्व-
भगवान राम को विष्णु का अवतार माना गया है, कहते हैं कि जब धरती पर राक्षसों और असुरों का अत्याचार बढ़ गया था, तब प्रभु श्री राम ने उनका संहार करने के लिए अवतार लिया था. रामनवमी के दिन भगवान श्री राम, भगवान लक्ष्मण और देवी सीता माता की पूजा की जाती है. इस दिन हनुमान जी की भी पूजा की जाती है. कहा जाता है, कि हनुमान जी की पूजा करने सेयश और वैभव की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख समृद्धि हमेशा रहती है. भगवान राम की उपासना करने से जीवन में हमेशा सकारात्मकता रहती है और हर काम में सफलता प्राप्त होती है.
भगवान राम के जन्म की कथाएं-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जब धरती पर असुर का आतंक बहुत भर गया और बुराई बहुत बढ़ गई थी, तब मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जी का जन्म हुआ. श्री राम जी के जन्म की कथाएं बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. रामायण कथा के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ और उनकी तीन रानियों द्वारा किए गए अनुष्ठान के बाद, भगवान राम और उनके तीन भाइयों का जन्म अयोध्या के सूर्यवंशी राज्य में हुआ था भगवान राम श्री हरी विष्णु जी के सातवें अवतार माने जाते हैं. इसलिए श्री राम का जन्म का महत्व काफी अधिक है इस दिन भक्त रामायण का पाठ करते हैं और सब को सुनाते हैं और रामायण को स्मरण करते हैं.
अयोध्या उत्सव-
अयोध्या में और देश के कुछ स्थानों पर रामलला की भव्य झांकी भी निकाली जाती है. कुह लोग इस दिन भगवान राम और देवी सीता का विवाह भी कराते हैं. इस अनुष्ठान को सीताराम कल्याणम कहा जाता है, पूरे दिन भजन और कीर्तन भी गाए जाते हैं भगवान राम का जन्म पवित्र शहर अयोध्या में हुआ था और इसलिए इस दिन के उत्सव इस शहर में भव्य आयोजन होते हैं, इस दिन, दूर-दूर से भक्त सरयू नदी के पवित्र जल में पवित्र स्नान करने के लिए आते हैं. अयोध्या में घाट पर हजारों लाखों दीयों में जलाए जाते हैं. पूरा शहर रोशनी से जगमगा उठता है. अयोध्या में इस साल की जो रामनवमी मनाई जाएगी, वो बहुत भव्य होगी. इस मौके पर भगवान राम के दर्शन को लाखों की संख्या में श्रद्धालु आएंगे. इसको देखते हुए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने खासा इंतजाम किए. उसने मंदिर में रामलला के दर्शन के समय अवधि को बढ़ाया ताकि श्रद्धाओं को कोई दिक्कत ना हो. यह जानकारी ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने दी है. राम नवमी पर उत्तर भारत के कई हिस्सों में भगवान राम, देवी सीता, हनुमना और भगवान लक्ष्मण के वेश में लोगों के साथ एक रथ यात्रा निकाली जाती है, वहीं दक्षिण भारत के कई मंदिरों में भगवान राम और देवी सीता की शादी का आयोजन किया जाता है। उत्तर प्रदेश में अयोध्या, मध्य प्रदेश में उज्जैन, बिहार में सीता संहिता स्थल और तेलंगाना में विशेष पूजा होती है.
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