गोवर्धन पूजा कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को मनाई जाती है। दिवाली त्योहार के अगले दिन ही गोवर्धन पूजा मनाई जाती है इस साल गोवर्धन पूजा 5 नवंबर 2021 को होगी इसे अन्नकूट नाम से भी जाना जाता है इस दिन भगवान श्री कृष्ण गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा-अर्चना की जाती है धार्मिक मान्यताएं के मुताबिक पर तो गोवर्धन पूजा कि दिन भगवान श्री कृष्ण को 56 या 108 प्रकार के पकवानों का भोग लगाए जाते है
गोवर्धन पूजा विधि
गोवर्धन पूजा के दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा की जाती है इस दिन लोग अपने घर में गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाते हैं और इसके बीच में भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति रखी जाती है और पूरे विधि विधान से पूजा की जाती है| भगवान को धूप दीप जल फल नवेद चढ़ाए जाते हैं ,और 56 या 108 प्रकार के पकवानों का भोग लगाया जाता है| इस दिन किसान अपने गाय, बैल, बछड़े पूजा करते हैं| इस दिन नई फसल के अनाज से भी पूजा का विधान है जिससे हम अन्नकूट कहते हैं.
गोवर्धन पूजा मुहूर्त
गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त- सुबह 7.59 से लेकर 10.47 तक होगा.
गोवर्धन पूजा कथा
श्री कृष्ण ने देखा कि सभी बृजवासी इंद्र की पूजा कर रहे थे। जब उन्होंने अपनी मां को भी इंद्र की पूजा करते हुए देखा तो सवाल किया कि लोग इन्द्र की पूजा क्यों करते हैं? उन्हें बताया गया कि वह वर्षा करते हैं जिससे अन्न की पैदावार होती और हमारी गायों को चारा मिलता है। तब श्री कृष्ण ने कहा ऐसा है तो सबको गोर्वधन पर्वत की पूजा करनी चाहिए क्योंकि हमारी गायें तो वहीं चरती हैं। उनकी बात मान कर सभी ब्रजवासी इंद्र की जगह गोवर्धन पर्वत की पूजा करने लगे। देवराज इन्द्र ने इसे अपना अपमान समझा और प्रलय के समान मूसलाधार वर्षा शुरू कर दी। तब भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा कर ब्रजवासियों की भारी बारिश से रक्षा की थी। इसके बाद इंद्र को पता लगा कि श्री कृष्ण वास्तव में विष्णु के अवतार हैं और अपनी भूल का एहसास हुआ। बाद में इंद्र देवता को भी भगवान कृष्ण से क्षमा याचना करनी पड़ी। इन्द्रदेव की याचना पर भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को नीचे रखा और सभी ब्रजवासियों से कहा कि अब वे हर साल गोवर्धन की पूजा कर अन्नकूट पर्व मनाए। तब से ही यह पर्व गोवर्धन के रूप में मनाया जाता है।