छठ पूजा बिहार का सबसे महत्वपूर्ण पर्व है इसे कार्तिक मास शुक्ल पक्ष षष्ठी को मनाया जाता है मनाया जाता है छठ पर्व दिवाली के छठे दिन होती है छठ पूजा सबसे कठिन त्योहारों में एक है भगवान सूर्य और उनकी बहन छठी मईया की पूजा को समर्पित ये त्योहार, इस पूजा का बहुत महत्व है यह पूजा संतान पाने के लिए संतान के सुख के लिए, उसे बीमारियों से बचने के लिए और लंबी उम्र के लिए पूजा की जाती है छठ पूजा चार दिनों का त्यौहार होता है छठ पूजा का व्रत रखने वाले बड़े विधि विधान से पूजा करते हैं, यह व्रत 36 घंटे का निर्जला व्रत होता है पहला दिन नहाए खाए होता है 8 नवंबर 2021 को नहाए खाए पर्व मनाया जाएगा
नहाए खाए के दिन-:
नहाए खाए के दिन घर को अच्छे से साफ रखा जाता है और जो छठ मैया का व्रत रखते हैं वह इस दिन सात्विक भोजन करते हैं इन दिनों से घर में प्याज लहसन नहीं बनाया जाता है इस दिन छठ मैया की व्रत रखने वाले बालों को अच्छी तरह धोते हुए स्नान करती हैं और चावल मूंग दाल कद्दू व लौकी की सब्जी का वैष्णव भोजन प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है, जिन लोगों का छठ पावन होता है वह छठ का व्रत करने वाली महिला को नहाए खाए के दिन भोजन देते हैं, दूसरे दिन खरना होता है खरना के बारे में हम दूसरे आर्टिकल में लिख रहे हैं आशा करते हैं आप जरूर उसे पढ़ेंगे|