कार्तिक पूर्णिमा के दिन सबसे बड़ा चंद्र ग्रहण निवाला है यह चंद्र ग्रहण 19 नवंबर 2021 शुक्रवार को पड़ रहा है जो इस साल का दूसरा और आखिरी चंद्रग्रहण है जानकारों की मानें तो ऐसा 580 साल बाद होगा जब इतना लंबा आंशिक चंद्र ग्रहण देखा जाएगा। इससे पहले इतना लंबा चंद्रग्रहण 18 फरवरी 1440 में पड़ा था
कहां दिखाई देगा यह चंद्र ग्रहण
ये ग्रहण भारत के पूर्वोत्तर इलाकों में दिखाई देगा। अरुणाचल प्रदेश और असम के कुछ हिस्सों में इसे देखा जा सकेगा। इसके अलावा ये उत्तर और दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र में देखा जा सकेगा।
क्या इस चंद्र ग्रहण में सूतक काल लगेगा
इस बार भारत में चंद्र ग्रहण उपछाया की तरह ही दिखेगा. इस वजह से सूतक काल मान्य नहीं होगा, यही वजह है कि इस चंद्र ग्रहण में देश के मंदिरों के कपाट भी बंद नहीं किए जाएंगे और शुभ कार्यों पर भी रोक नहीं होगी.
क्या होता है चंद्र ग्रहण
ये आंशिक चंद्र ग्रहण होगा, यह चंद्र ग्रहण तब लगता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में आते हैं. ग्रहण के आगाज़ से पहले चांद जमीन की उपच्छाया में दाखिल होता है इसके बाद धरती की वास्तविक छाया में दाखिल करता है. ऐसा होने पर वास्तविक चंद्र ग्रहण लगता है. वहीं अगर उपच्छाया चंद्र ग्रहण की बात करें तो चांद जमीन की वास्तविक छाया में दाखिल किए बिना ही बाहर आ जाता है. इसे सुपर फ्लावर ब्लड मून कहा गया था. इस ग्रहण को नंगी आंखों से नहीं देखा जा सकता है, इसे टेलीस्कोप से ही देखा जाएगा.
चंद्र ग्रहण का समय
ग्रहण की शुरुआत सुबह 11:32 बजे से होगी। इसकी समाप्ति शाम 05:33 बजे होगी. आंशिक चंद्र ग्रहण की अवधि 3 घंटे 26 मिनट की होगी. उपच्छाया चंद्र ग्रहण की अवधि करीब 6 घंटे की होगी.
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