मैथिल ब्राह्मण जोकि आज के नए दौर में सबके साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं. मैथिल ब्राह्मण के बारे में मैं जितना भी कहूं उतना कम है पर फिर भी मेरी कोशिश रहेगी कि मैथिल ब्राह्मण के बारे में जितना संभव हो सके उतना लिख सकूं, मैथिल ब्राह्मण मिथिला के नाम पर पड़ा है, मिथिला के ब्राह्मणों को मैथिल ब्राह्मण कहा जाता है. मैथिल ब्राह्मणों की भाषा मैथिली होती है. मिथिला प्राचीन काल का एक राज्य था. मिथिला में पाग का अपना ही महत्व है। पाग मिथिला का आन बान और शान का प्रतीक है. मिथिला माता सीता का स्थान है माता सीता राजा जनक जी की पुत्री है जो मिथिला के राजा थे "मिथिला नरेश" मिथिला में ही भगवान राम और माता सीता का विवाह हुआ था.
मैथिल ब्राह्मण पंच गौड़ ब्राह्मणों में से एक हैं। पंच गौड़ ब्राह्मणो के अंतर्गत मैथिल ब्राह्मण , कान्यकुब्ज ब्राह्मण , सारस्वत ब्राह्मण , गौड़ ब्राह्मण , उत्कल ब्राह्मण हैं .मैथिल ब्राह्मण कुलदेवी/ देवता की पूजा करते हैं, मैथिल ब्राह्मण मुख्य रूप से शाक्त हैं, हालांकि वैष्णव और शैव भी हैं। मैथिल ब्राह्मण जो शाक्त हैं, भगवती (शक्ति) की पूजा करते हैं
मिथिला विवाह
मिथिला के रीति रिवाज में सर्वोत्तम रिवाज विवाह का होता है जहां पहले गोत्र मूल की जांच होती है गोत्र और मूल एक होने से वहां विवाह नहीं हो पाता है मगर अलग-अलग गोत्र और मूल होने से विवाह संभव हो जाता है विवाह का मेल संभव हो जाने के तदोपरान्त सिद्धान्त लेखन (शगुन) खानपीन (घरदेखी), तिलक, विवाह, चतुर्थी, मधुश्रावणी, कोजगरा, द्विरागमन और बरसाइत अनेको की के प्रक्रिया होती है
मिथिला उपनयन संस्कार
मिथिला के एक रीत में उपनयन संस्कार होता है जिसमें जनेऊ पहना जाता है और विद्यारंभ होता है। मुंडन और पवित्र जल में स्नान भी इस संस्कार के अंग होते हैं। सूत से बना वह पवित्र धागा जिसे यज्ञोपवीतधारी व्यक्ति बाएँ कंधे के ऊपर तथा दाईं भुजा के नीचे पहनता है। ब्राह्मणों के यज्ञोपवीत में ब्रह्मग्रंथि होती है। तीन सूत्रों वाले इस यज्ञोपवीत को गुरु दीक्षा के बाद हमेशा धारण किया जाता है। तीन सूत्र हिंदू त्रिमूर्ति ब्रह्मा, विष्णु और महेश के प्रतीक होते हैं। अपवित्र होने पर यज्ञोपवीत बदल लिया जाता है। बिना यज्ञोपवीत धारण किये अन्न जल ग्रहण नहीं किया जाता।
मिथिला मुंडन संस्कार
मुंडन संस्कार मिथिला का महत्वपूर्ण रिवाज है जहां छोटे बच्चों का मुंडन किया जाता है यह मुंडन 3 साल या 5 मैं होता है, यह मुंडन जिसका जितनी वर्ष का चलन होता है उस वर्ष में वह मुंडन करते हैं, मुंडन लड़का हो या लड़की हो दोनों का मुंडन होता है.
मिथिला वर्तमान में एक सांस्कृतिक क्षेत्र है जिसमे बिहार के तिरहुत, दरभंगा, मुंगेर, कोसी, पूर्णिया और भागलपुर प्रमंडल तथा झारखंड के संथाल परगना प्रमंडल के साथ-साथ नेपाल के प्रदेश संख्या २, प्रदेश संख्या १ के कुछ जिले और प्रदेश संख्या ३ का चितवन जिला भी शामिल हैं। जनकपुर , दरभंगा और मधुबनी मैथिल ब्राह्मणो का प्रमुख सांस्कृतिक केंन्द्र है। मैथिल ब्राह्मण बिहार , नेपाल , उत्तर प्रदेश के ब्रज , झारखण्ड के देवघर व देवघर के आस-पास के क्षेत्रों में अधिक हैं।
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