कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है देव दिवाली

 


कार्तिक पूर्णिमा हिंदू धर्म का सबसे विशेष और महत्वपूर्ण पर्व है, माना जाता है कि इस दिन स्वर्ग लोक से सभी देवता पृथ्वी पर आते हैं, और पावन धाम वाराणसी के गंगा घाट मैं स्नान करते है इस दिन भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर राक्षस का अंत किया था. इसी खुशी में देवताओं ने दीप जलाकर खुशियां मनाई थी तब से इस परंपरा को देव दिवाली के रूप में मनाई जाती है इस दिन गंगा घाट को दीया से सजाया जाता है पूजा की जाती है और शाम के वक्त गंगा आरती की जाती है कहा जाता है कि इस दिन देवता धरती पर आने की खुशी में सभी घाटों को सजाया जाता है. इस दिन घरों में भी दिवाली की तरह दीप जलाया करते हैं कार्तिक पूर्णिमा का व्रत, पूजा, पाठ और दीपदान का विशेष महत्त्व है इस साल कार्तिक पूर्णिमा 19 नवंबर 2021 को है


कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान करने से सबसे पुण्यफल मिलता है, इस दिन तुलसी पूजा करने का विशेष महत्व है, तुलसी को लक्ष्मी का रूप माना गया है इस दिन तुलसी पूजन करने से कई गुना फल मिलता है कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करना सबसे उत्तम माना गया है, लोग यहां 5 रात रहने आते हैं जिसे पंचम रात कहां गया है, इस दिन  लोग एकादशी से पूर्णिमा तक रहते हैं, कार्तिक पूर्णिमा के दिन गाय, घोड़ा रथ दान करने से संपत्ति बढ़ती है और  कुछ मानताए के अनुसार भेड़ दान करने से सारे कष्ट मिटे हैं, इस दिन भूखों को भोजन कराना बहुत ही उत्तम माना गया है


कार्तिक पूर्णिमा के दिन लोग गंगा में डुबकी लगाकर एवं दान करके पुण्य प्राप्त करते हैं कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की आराधना से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है.आपको बता दें कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्र देव अपनी पूरी कलाओं के साथ प्रकट होते हैं। इस वजह से पूर्णिमा की रात को श्रेष्ठ माना जाता है जिसके चलते रात में पूजा-पाठ करने का विधान बताया गया है। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि चंद्रमा की पूजा करने से जल्द ही शुभ फल की प्राप्ति होती है।


कार्तिक पुर्णिमा पूजा विधि

कार्तिक पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना चाहिए। अगर संभव हो सके तो पवित्र नदी में स्नान करके व्रत का संकल्प लेना चाहिए। उसके बाद लक्ष्मी नारायण की देसी घी का दीपक जलाकर विधि विधान से पूजा करें। सत्यनारायण की कथा करने से भगवान का आशीर्वाद मिलता है। भगवान को इस दिन खीर का भोग लगाना चाहिए। शाम को लक्ष्मी नारायण की आरती करके तुलसी जी में घी का दीपक जलाना चाहिए। घर में भी दीपक जलाएं। इस दिन हो सके तो गरीबों को दान दें और भूखों को भोजन कराएं।








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