मकर संक्रांति जो हिंदू का खास पर्व होता है, इसे नए साल का पहला पर्व माना गया है, सूर्य के उत्तरायण होने का पर्व मकर संक्रांति, इस बार मकर संक्रांति 15 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी. मकर संक्रांति की शुरुआत 14 जनवरी 2023 को रात 08 बजकर 43 मिनट पर होगी. ज्योतिष कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान सूर्य अपने पुत्र शनिदेव से मिलने स्वयं उनके घर जाते हैं, शनि मकर राशि का स्वामी है, इसलिए इस दिन को मकर संक्रांति के नाम से जाना गया है और इस दिन सूर्य की उत्तरायण गति आरंभ होती है यही कारण है इसको उत्तरायणी भी कहते हैं.
मकर संक्रांति के दिन दान करना बहुत ही उत्तम माना गया है, इस दिन खिचड़ी, काला तिल, शुद्ध घी, कंबल, अनाज, गोदान करना बहुत ही शुभकारी होता है माना गया है. इस दिन दान करने से शनि और राहु की पीड़ा से मुक्ति मिलती है. मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व बताया गया है.
मकर संक्रांति के दिन काला तिल खाने से या दान करने से भगवान शनि देव जी प्रसन्न हो जाते हैं इस दिन काला तिल का पानी या काला तिल के लड्डू खाने चाहिए मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाना बहुत ही उत्तम माना गया है. मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान करना बहुत ही शुभ माना गया है, लेकिन अगर संभव ना हो तो घर पर ही पानी में काला तिल डालकर स्नान कर सकते है. मकर संक्रांति के दिन स्नान करने के बाद ही भोजन सेवन करें हम लोग भी इस दिन भोजन कंबल दान करते हैं और इस दिन काला तिल चावल गुर का पानी ग्रहण करते हैं और तिल के लड्डू भी खाते हैं.
मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान उत्तम माना गया है, प्राचीन कथाओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन माता गंगाजी भागीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होकर सागर में जाकर मिली थी. माना गया है गंगा जी को धरती पर लाने वाले भागीरथ जी ने अपने पूर्वजों का तर्पण मकर संक्रांति के दिन ही किया था. उनका तर्पण स्वीकार करने के बाद गंगा जी सागर में जाकर मिल गई, इसीलिए मकर संक्रांति के दिन गंगासागर में मेला लगता है श्रद्धालुओं की भीड़ गंगा स्नान करने के लिए उमड़ती है और दान दक्षिणा पूजा भी किया जाता है.
मकर संक्रांति का एक और कथा बहुत ही प्रचलित है, महाभारत काल में महान योद्धा भीष्म पितामह अपना देह त्यागने के लिए ने मकर संक्रांति का ही दिन चुना था.
मकर संक्रांति का पर्व अलग-अलग प्रांतों में अलग अलग नाम से लिया जाता है. तमिलनाडु में मकर संक्रांति को पोंगल रूप में मनाया जाता है आंध्र प्रदेश कर्नाटक व केरल यह पर्व केवल संक्रांति के नाम से जाना जाता है. पतंग उड़ाने के प्रथा भी मकर संक्रांति के दिन होती है, बच्चे खासकर पतंग उड़ाने के लिए उत्सुक रहते हैं.
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